इस साल विश्व पुस्तक दिवस (World Book Day) पर कोरोना वायरस का साया है. भारत में जहां विश्व पुस्तक दिवस को सामूहिक तौर पर मनाने की स्थितियां नहीं हैं, वहीं इस दिन को सही तरीके मनाने का मौका भी है. इस दिन को मनाना का उद्देश्य लोगों में पुस्तकों के प्रति रुचि और जागरुकता विकसित करना है. इस लिहाज से देश में जहां लोग अपने घरों में बंद हैं, वे अपनी कोई प्रिय पुस्तक पढ़कर इस दिन को मना सकते हैं. इस साल यूनिस्को (UNESCO) ने भी कोरोना काल में किताबों (Books) की बढ़ती अहमित को रेखांकित किया है.
तारीख की कहानी
विश्व पुस्तक दिवस दरअसल विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस का चर्चित नाम है. यूनिस्को ने सबसे पहले इसे 22 अप्रैल 1995 को मनाया था. लेकिन इसे हर साल 23 अप्रैल को मनाया जाता है. मजेदार बात यह है कि यूके और आयरलैंड में इसी तरह का दिवस मार्च के महीने में मनाया जाता है जिसकी वजह से कई लोगों को इसकी सही तारीख को लेकर भ्रम हो जाता है
दो लेखकों के निधन की तारीख
इस दिवस का मूल विचार स्पेनिश लेखक विसेंट क्लावेल एंड्रेस ने मिगुल डि सेरवेंटेस के सम्मान में उनके जन्मदिन 7 अक्टूबर और फिर उनकी पुण्यतिथि 23 अप्रैल को मनाने के लिए दिया था. 1995 में यूनिस्को ने इसकी तारीख 23 अप्रैल कर दी जो सेरवेंटेस के साथ विलियम शेक्सपियर की भी पुण्यतिथि है. दोनों ही लेखकों का निधन एक ही तारीख हुआ था, लेकिन ये दिन अलग अलग थे. इसकी वजह यह थी कि स्पेन में जहां ग्रिगोरियन कैलेंडर का उपयोग होता था तो वहीं इंग्लैंड में जूलियन कैलेंडर का.
अलग अलग तारीखें भी
इस दिन की तारीख अलग-अलग देशों में भी बदली है. स्पेन में जहां इसे 1930 तक 7 अक्टूबर को मनाया जाता था और उसके बाद से 23 अप्रैल को मनाया जाने लगा. स्वीडन में भी इसी दिन को यह दिवस मनाया जाता है लेकिन साल 2000 और साल 2011 में इसे बदल दिया गया था. वहीं यूके और आयरलैंड में इसे मार्च के पहले गुरुवार को मनाया जाता है जिसमें चैरिटी प्रमुख होती है
बुकफेस चैलेंज
यूनिस्को ने इस साल एक बुकफेस चैलेंज बनाया है. इस चैलेंज के विजेता की तस्वीर यूनिस्को के वेबपेज पर शामिल की जाएगी. यूनिस्को के आधिकारिक बयान के मुताबिक किताबों का कवर उन्हें खरीदने में बहुत अहम भूमिका निभाता है. हम उनके मुख पृष्ठ को लेकर बहुत ही ज्यादा निर्णायक होते हैं. इस साल महामारी ने हमें किताबों और पढ़ने की अहमियत बताई है.
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यूनिस्को ने इस साल विश्व पुस्तक दिवस पर छात्रों, शिक्षकों, पाठकों के साथ साथ पुस्तक उद्योग और लाइब्रेरी सेवाओं को पढ़ने के प्रति लगाव दर्शाने के लिए इस चैलेंज में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था. इसके अलावा यूनिस्को ने लोगों के लिए एक मुफ्त कम्यूनिकेशन टूलकिट भी उपलब्ध कराई है.